Wednesday, July 11, 2018

Quote

बहुत बह चुकी है आँखों से स्याही
तुम्हारी बाहों की चुनरी ओढ़नी है

जो तुम्हारा सही हाल बता दे
बस मुझे वो किताब पढ़नी है

- जूही

No comments:

Post a Comment