Tuesday, July 18, 2017

Quote 2









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Both are alike..;

Universe and the Internet!! 

© Juhi Gupte

Monday, July 17, 2017

Sunday, July 2, 2017

कहते हैं







मिलते हैं वो शाम को 
औरों की बुराई करते हैं 
मिलते हैं पागल हम जैसे 
शायरी में डूबे रहते हैं 
छलकातें हैं पैमाने हम दोनों


है किसमें नशा ज़्यादा;
शराबी किसको कहते हैं ?
अंजुमन उसको कहते हैं 
महफिल इसको कहते हैं

©जूही गुप्ते

micropoetry







हुआ यों कि कह बैठे 
गर सलीका सीख न जाऊँ 
ऐसा ही चलता रहा 
मैं कुछ न बन पाऊँ 
पर हूँ आज भी 
ईमां की सौदागर 
बाजार कैसे बन जाऊँ ?
शायरी करती हूँ कि 
बस इंसान रह जाऊँ !

©जूही गुप्ते