Poems by Juhi
ऐ कलम और न लिख गुलाबी दिल की बातें, क्रांति की हुंकार लिख,कह गए वो जाते जाते। सुर्ख हुई बर्फीली चादर पुलवामा की घाटी में, व्यर्थ न हो लहु मिला जो केसर वाली माटी में ।
- जूही
ओजस्वी, प्रभावी एवं मार्मिक
ओजस्वी, प्रभावी एवं मार्मिक
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