मैंने कहा मिलना है तुमसे
हाँ कुछ चीज़ें लौटाना है
कि साथ ली हुई सेल्फियाँ
हिडन फोल्डर में पड़ी हुई
आँखों से काजल खुरेंचकर
मन पर फेर देती हैं
तो रख लो भारीपन को
दफ्न कर आते हैं
PS I love you
का हर एक पन्ना
ब्रेसलेट जो मैं जानबूझकर
भूल आई थी तुम्हारे घर
देर हो चुकी है
मुझे फोन पर लड़ते लड़ते
तुम्हें चुप रहते रहते
शिकायत नहीं है अब
तुम्हारे न होने की
आदत हो चली है
वो बेवजह गले लगाना
कविताओं का मजा़क उड़ाना
टाईम से पहले पहुँचकर
तुम पर तुनकना
ये सब पल समेटकर
कोरा कागज़ दे रही हूँ
स्याही नहीं उभरेगी
शब्द नहीं लिखे मैंने
वक्त ज़ाया भी नहीं होगा
तुम्हारा जो मेरा था नहीं
इसलिए कह रहीं हूँ
कुछ और हो तो बता दो
मेरे पास मेरा कुछ रहा नहीं
कह दो जो तुमने कहा नहीं
हल्का हो जायेगा दिल
सहेजे हुए भारीपन को
गर साझा कर सकते हो ।
जूही
दिल को छु गयी कविता, दिल का हाल पन्नो पे बया करती है!
ReplyDeleteThanks so much maam
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