Monday, October 15, 2018

Micropoetry -urdu-hindi

'उनको' देखा था छुपके दरीचों से
अक्स मुझमें मिश्रियों सा खोता है..

बिछाए बैठी हूँ एहसास गलीचों से
एक आहट से जाने क्या-क्या होता है

जूही

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